Kuch Hasin Yaadein

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सोमवार, 13 अप्रैल 2009

मेरी ज़िन्दगी

भोली सी तू , चंचल सी तू , बड़ी मासूम सी है तू !

दाग लगे चाँद की बेदाग़ चाँदनी सी है तू !!

बहार में खिले फूलों की खुशबु सी है तू !

मेरे लिए तो जैसे मेरी ज़िन्दगी सी है तू !!

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