भोली सी तू , चंचल सी तू , बड़ी मासूम सी है तू !
दाग लगे चाँद की बेदाग़ चाँदनी सी है तू !!
बहार में खिले फूलों की खुशबु सी है तू !
मेरे लिए तो जैसे मेरी ज़िन्दगी सी है तू !!
Kuch Hasin Yaadein
सोमवार, 13 अप्रैल 2009
शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009
तुम्हारे लिए !!
मेरे पास नहीं है चाँद- तारे तोड़ लाने का वादा तुम्हारे लिए !
मेरे पास नहीं है जाँ लुटा देने का दावा तुम्हारे लिए !!
मेरे पास तो है बस मेरी उम्र के हजारों पल तुम्हारे लिए !
खट्टे- मीठे , हँसते - खिलखिलाते, रुठते - मनाते पल तुम्हारे लिए !!
मेरे पास नहीं है जाँ लुटा देने का दावा तुम्हारे लिए !!
मेरे पास तो है बस मेरी उम्र के हजारों पल तुम्हारे लिए !
खट्टे- मीठे , हँसते - खिलखिलाते, रुठते - मनाते पल तुम्हारे लिए !!
शनिवार, 4 अप्रैल 2009
क्या ग़म है !!
आदमी आता है तन्हा , आदमी जाता है तन्हा !
हूँ मैं आज तन्हा तो क्या ग़म है !!
ज़िन्दगी तस्वीर से बन गई है आईना !
हूँ ग़र आईने में तन्हा तो क्या ग़म है !!
तन्हा है वो कि मैं उनके पास नहीं
और वो मेरे दिल में हैं तन्हा तो क्या ग़म है !!
तन्हा तन्हा लोगों को मोहब्बत है तन्हाई से !
अब मोहब्बत ही हो गई है तन्हा तो क्या ग़म है !!
हूँ मैं आज तन्हा तो क्या ग़म है !!
ज़िन्दगी तस्वीर से बन गई है आईना !
हूँ ग़र आईने में तन्हा तो क्या ग़म है !!
तन्हा है वो कि मैं उनके पास नहीं
और वो मेरे दिल में हैं तन्हा तो क्या ग़म है !!
तन्हा तन्हा लोगों को मोहब्बत है तन्हाई से !
अब मोहब्बत ही हो गई है तन्हा तो क्या ग़म है !!
शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009
तुम ही तुम !!
सुन लूँ कोई धुन तो तेरी आवाज़ सुनाई देती है !
जो देख लूँ तस्वीर कोई , तेरी सूरत दिखाई देती है !!
आँखें बंद कर लूँ तो तेरा ही तस्सवुर है !
आँखें खोल दूँ तो दर पे तेरी परछाई दिखाई देती है !!
जो देख लूँ तस्वीर कोई , तेरी सूरत दिखाई देती है !!
आँखें बंद कर लूँ तो तेरा ही तस्सवुर है !
आँखें खोल दूँ तो दर पे तेरी परछाई दिखाई देती है !!
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