Kuch Hasin Yaadein

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गुरुवार, 25 नवंबर 2010

मेरी ज़िन्दगी..

कभी पतझड़ तो कभी बहार है ज़िन्दगी,
कभी उदासी तो कभी इक निखार है ज़िंदगी !
और क्या कहूँ इस ज़िन्दगी के बारे में,
कभी दुश्मन तो कभी जैसे मेरा इक यार है ज़िन्दगी !!

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