Kuch Hasin Yaadein

Kuch Hasin Yaadein

रविवार, 21 नवंबर 2010

तय किया करते थे कभी सर्द बर्फ से गर्म अंगारों का सफ़र,
आज प्यार की नर्म राहों पर भी सहमे - सहमे चलते है !
पिघला सकते थे पत्थर को भी कभी मोम की तरह,
अब मोम से ही बनी शमा से डरते है !!
जाने ऐसा कब हुआ और क्यूँ हुआ ?
हम अपनी तन्हाई से अब अक्सर ये पूछा करते है !!!

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