कभी पतझड़ तो कभी बहार है ज़िन्दगी,
कभी उदासी तो कभी इक निखार है ज़िंदगी !
और क्या कहूँ इस ज़िन्दगी के बारे में,
कभी दुश्मन तो कभी जैसे मेरा इक यार है ज़िन्दगी !!
और क्या कहूँ इस ज़िन्दगी के बारे में,
कभी दुश्मन तो कभी जैसे मेरा इक यार है ज़िन्दगी !!