Kuch Hasin Yaadein

Kuch Hasin Yaadein

शनिवार, 24 अप्रैल 2010

फुरसत ??

चार फुरसत के पल चाहता हूँ अब जीने के लिए !
एक झरोखा और एक साथी मेरे साथ जीने के लिए !!

कुछ हिम्मत उलझी हुई ज़िन्दगी सीने के लिए !
और बस वो चार पल फुरसत के जीने के लिए !!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें