Kuch Hasin Yaadein

Kuch Hasin Yaadein

गुरुवार, 21 जनवरी 2010

मेरा मन

मेरा उदास मन , सोचता है किधर जाऊं !

इधर जाऊं या उधर जाऊं !!

कर्तव्यों में संकोच न करूँ !

मर्यादा का उल्लंघन न करूँ !!

स्नेह को देता हुआ - पाता हुआ !

शालीनता से सबको निभा जाऊं !!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें