Kuch Hasin Yaadein

Kuch Hasin Yaadein

शनिवार, 7 फ़रवरी 2009

ये कैसा प्यार..

दर्द-ऐ- दिल इश्क और प्यार
हर कोई कर रहा है आज मोहब्बत यार !
बच्चों का खेल नहीं है इश्क करना,
इन्हें तो चाहिए अभी पढ़ना !!

फैशन के दौर में गारण्टी नहीं होती ,
तभी तो आजकल सच्ची मोहब्बत नहीं होती !
बेटा, जब हो जाओगे जवान मन से और दिल से ,
चुन लेना कोई गुल हसीनाओं की महफिल से !!

प्यार किया नहीं जाता हो जाता है ,
ऐसा अक्सर कहा जाता है !
क्या ये प्यार इतना हावी हो जाता है ,
कि कोई अपने माँ - बाप को भूल जाता है !!

प्यार कर लो , प्यार में नहीं कोई बुराई है ,
पर याद रहे वो बातें भी जो माँ - बाप ने सिखाई है !
फैसले ज़िन्दगी के कुछ भी हो ऐसे होने चाहिए ,
जिससे माँ - बाप को ठेस न लगनी चाहिए !!

जो भी माँ - बाप का दिल तोड़ कर जाएगा,
ज़िन्दगी में कभी ना कभी पछतायेगा !
बेटा, माता - पिता तो प्रभु के वो रूप होते है ,
जिनके कलयुग में भी साक्षात दर्शन और आलिंगन होते है !!

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