आग़ोश में होते थे जब तुम, जाते हुए वक़्त का हाथ थामने की कोशिश किया करते थे !
उन चन्द हसीं लम्हों को दिल के किसी कोने में क़ैद करने की कोशिश किया करते थे !
जो नहीं बदला वो ये कि ,
तुमसे अनजान बनने की कोशिश आज भी करते हैं और कल भी किया करते थे !!
Kuch Hasin Yaadein
रविवार, 25 अप्रैल 2010
शनिवार, 24 अप्रैल 2010
कैसे ??
रूठ गई सजनी, मनाऊं कैसे ?
दिल खोल के अपना, दिखाऊं कैसे ??
वो चाँद सा प्यारा हमदम है मेरा !
उसी की चाँदनी उस पर लुटाऊं कैसे ??
दिल खोल के अपना, दिखाऊं कैसे ??
वो चाँद सा प्यारा हमदम है मेरा !
उसी की चाँदनी उस पर लुटाऊं कैसे ??
फुरसत ??
चार फुरसत के पल चाहता हूँ अब जीने के लिए !
एक झरोखा और एक साथी मेरे साथ जीने के लिए !!
कुछ हिम्मत उलझी हुई ज़िन्दगी सीने के लिए !
और बस वो चार पल फुरसत के जीने के लिए !!
एक झरोखा और एक साथी मेरे साथ जीने के लिए !!
कुछ हिम्मत उलझी हुई ज़िन्दगी सीने के लिए !
और बस वो चार पल फुरसत के जीने के लिए !!
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