वो सादगी जिसकी तलाश थी मुझे,
सोचा न था यूँ मिल जायेगी इक दिन!
और चन्द पलों के ठहराव पर ही,
सोचा न था यूँ छिन जायेगी इक दिन !!
Kuch Hasin Yaadein
शनिवार, 31 जनवरी 2009
गुरुवार, 15 जनवरी 2009
सच तो यह है..
कहते है दुनिया में अकेला आता है आदमी !
और अकेला ही दुनिया से चला जाता है आदमी !!
जाने क्यूँ वो पल भूल जाता है आदमी !
जिनके सहारे सारी ज़िन्दगी जी जाता है आदमी !!
भूल जाता है वो उंगलियाँ जो चलना सिखाती है !
भूल जाता है वो थपकियाँ जो आराम से सुलाती है !!
दिन काटने में ज़िन्दगी जीना भूल जाता है आदमी !
माया को अपना बनाने में अपनों को ही भूल जाता है आदमी !!
कैसी भागमभाग है और कैसा मोह है जब अकेला ही जाता है आदमी !
जब हाथ से छूट जाता है सब तो समझ पाता है आदमी !!
और अकेला ही दुनिया से चला जाता है आदमी !!
जाने क्यूँ वो पल भूल जाता है आदमी !
जिनके सहारे सारी ज़िन्दगी जी जाता है आदमी !!
भूल जाता है वो उंगलियाँ जो चलना सिखाती है !
भूल जाता है वो थपकियाँ जो आराम से सुलाती है !!
दिन काटने में ज़िन्दगी जीना भूल जाता है आदमी !
माया को अपना बनाने में अपनों को ही भूल जाता है आदमी !!
कैसी भागमभाग है और कैसा मोह है जब अकेला ही जाता है आदमी !
जब हाथ से छूट जाता है सब तो समझ पाता है आदमी !!
शुक्रवार, 9 जनवरी 2009
मेरे प्यारे दोस्त !!
ऐ -दोस्त ज़िन्दगी के एक मोड़ पर तुम मुझे मिले !
आरजू थी जब एक सच्चे दोस्त की तुम मुझे मिले !!
ज़रूरत थी जब किसी अपने की तुम मुझे मिले !
खुदा सलामत रखे आपको कि ये दोस्ती हमे उम्र भर मिले !!
आरजू थी जब एक सच्चे दोस्त की तुम मुझे मिले !!
ज़रूरत थी जब किसी अपने की तुम मुझे मिले !
खुदा सलामत रखे आपको कि ये दोस्ती हमे उम्र भर मिले !!
बुधवार, 7 जनवरी 2009
रुबरु
जब ढूँढता था उनको रूह में, पाता था उनको रूबरू...
अब पा लिया है जो रूह में, तो है नहीं वो रूबरू........
अब पा लिया है जो रूह में, तो है नहीं वो रूबरू........
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